पाक इश्क होगा यह कैसा भ्रम है इश्क में बेवफाई रूह पर जख्म़ है जमाने से अलग ये तेरा सितम है हंसता है रुला के तू कैसा सनम है फिर भी 'बेख़बर तेरे नाम जन्म है ©_बेखबर #Bekhbar