# मैं.. चेहरे बदलने का हुनर मुझमें नहीं दर्द दिल में हो तो भी मैं खुलकर हसँने का हुनर रखता हूँ मैं तो वो आईना हुँ ज्यों सामनेवाला जैसा हैं वैसे ही मैं बात करू.... टूटकर बिखरने का और चलते चलते थम जाने का हुनर मुझमें नहीं मैं तो वो तारा हूँ ज्यों दुनिया भीड़ में अकेला होकर भी खुद ही खुद में इक अनोखा तुफ़ान बनकर हर परिस्थिती में डटकर खड़ा रहूँ.... एक बार मिल के छोड़ जाने का हुनर मुझमें नहीं मैं तो वो हमराही हूँ ज्यों खुद तो श्रापीत जोकर की जिंदगी जीने का मन में पक्का सोचकर और हर बार सिर्फ़ दुसरों के खुशीयों के बारे में ही सोचकर ऊन खुशीयों के लिए जिता रहूँ.... तुफान से डर जाने का हुनर मुझमैं नहीं मैं तो वो दरियाँ हुँ ज्यों हर हाल में अपनी ही इक अलग सी मज़धार बनाकर बहता ही रहूँ मैं.... दुनियाँ की भीड़ में भी हमेशा अकेलेपन का बोझ लिए चलनेवाला जीवन के ताश़ का जोकर.... @शब्दभेदी किशोर ©शब्दवेडा किशोर #मैं_अनबूझ_पहेली