कैसा दुर्भाग्य है कि. आदमी के असली चेहरे क़ो खोजने के लिये उसे बेहोश करना पड़ता है इतनी परते है नकली चेहरे की चोरी इतनी गहरी है इतनी लम्बी है अनंत जन्मों की है कि असली चेहरा बहुत बाहर पीछे छिप गया है एक मुखौटा उतारो तो दूसरा उसके नीचे है प्याज की तरह हो गया है आदमी एक छिलका निकालो फिर छिलका और छिलका निकालो फिर छिलका ©Parasram Arora ये प्याज़ के छिलके......