हर राह में चट्टानों का सामना होगा, तेरे हौसले का हर पल इम्तिहान होगा। मत सोच कि रुक जाएगी तेरी उड़ान, आंधियों के परे भी एक आसमान होगा। जो जलता है, वही सूरज कहलाता है, अंधेरों से लड़कर ही सवेरा आता है। मंज़िल उन्हीं को बाहों में भरती है, जो गिरकर भी हर बार मुस्कुराता है। मत झुकना कभी तू हालातों के आगे, लहू से इरादों की लौ और जला ले। क़िस्मत भी उसके कदमों में आ झुके, जो खुद पे भरोसे को हथियार बना ले। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर