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भीतर से उदास हुआ था जब अकेला चलता जा रहा था इन राह

भीतर से उदास हुआ था जब
अकेला चलता जा रहा था इन राहों में
पाया कुछ ना सब छीना जा रहा था 
देख रहा था अपनी आँखों से
उस वख्त थामा तुमने हाथ मेरा
बड़ी मुदतों के बाद मिला साथ तेरा
शुक्रिया करता हूँ उस रब का
दी तुमने रोशनी जीने की 
खुशयों का एहसास हुआ तब
कोई मिलने नही आता अब 
भीतर से उदास हुआ था जब किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है:
इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे
और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है

अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है।

#कोईमिलनेनहींआता #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
भीतर से उदास हुआ था जब
अकेला चलता जा रहा था इन राहों में
पाया कुछ ना सब छीना जा रहा था 
देख रहा था अपनी आँखों से
उस वख्त थामा तुमने हाथ मेरा
बड़ी मुदतों के बाद मिला साथ तेरा
शुक्रिया करता हूँ उस रब का
दी तुमने रोशनी जीने की 
खुशयों का एहसास हुआ तब
कोई मिलने नही आता अब 
भीतर से उदास हुआ था जब किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है:
इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे
और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है

अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है।

#कोईमिलनेनहींआता #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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terasukhi9545

Tera Sukhi

New Creator

किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है: इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है। #कोईमिलनेनहींआता #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #sukhi56wala #sukhi56walaquotes