खुद से अनजान थे, हाँ परेशान थे, क्या करें, क्या नहीं, सोच हैरान थे। सोचते थे समा क्या से क्या आ गया? तू जो आया नज़र, फिर बना हमसफर, दिलनशीं हमनवां , मेरा लखते-जिगर। शब हुई ख़ुशनुमा, सच, मजा आ गया।। खुद से अनजान थे, हाँ परेशान थे, क्या करें, क्या नहीं, सोच हैरान थे। सोचते थे समा क्या से क्या आ गया? तू जो आया नज़र, फिर बना हमसफर,