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Arpn Khan

ना ज़ीने की ख्वाहिश ना मरने का ख्वाब

The nomber your calling is currently switch 📴

©Arpn Khan #nkharit #be_positive #Da 
#freebird

नितिन कुमार 'हरित'

नितिन कुमार 'हरित'

Kya Koi Maun Likh Paya? #nkharit

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शब्द हैं, केवल शब्द, 
भाव नहीं,
इनमें मिलता तो है प्रवाह, 
किंतु ठहराव नहीं।

बताओ तो, अंतर्मन का प्रेम, 
भला...
कौन लिख पाया?

अधरों के आखर लिखें हैं,
 क्या कोई हृदय का,
मौन लिख पाया?

✍️ Nitin Kr Harit 


insta & fb : @aaina.nkharit
 
tw : @NitinKrHarit Kya Koi Maun Likh Paya?
#Nojoto #Nkharit

नितिन कुमार 'हरित'

मैं जब सोचता हूं - Nitin Kr Harit #myvoice Nojotovideo #nkharit

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नितिन कुमार 'हरित'

एक दुनियां में, कई चेहरे, एक चेहरे में, कई दुनियां ! - Nitin Kr Harit #nkharit

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एक दुनियां में, कई चेहरे,
एक चेहरे में, कई दुनियां !

- Nitin Kr Harit एक दुनियां में, कई चेहरे,
एक चेहरे में, कई दुनियां !
- Nitin Kr Harit
#Nojoto #nkharit

नितिन कुमार 'हरित'

ये हृदय कागज किया है, और स्याही की है धड़कन, तब कहीं जाकर, तुम्हारा गीत लिख पाया हूँ मैं । एक तुम्हारे प्रेम में, ना जाने कितने स्वप्न टूटे, कितने ही रिश्तों पे खुद ही, पांव धर आया हूँ मैं ।। कितने ही स्वर्णिम क्षणों का, त्याग करके हंसते हंसते, एक अंतिम पूर्ण क्षण को, संग तुम्हारा चाहता हूँ । मैं रहूं या ना रहूं, पर रंग जो फैले धरा पर,

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ये हृदय कागज किया है, और स्याही की है धड़कन,
तब कहीं जाकर, तुम्हारा गीत लिख पाया हूँ मैं ।
एक तुम्हारे प्रेम में, ना जाने कितने स्वप्न टूटे,
कितने ही रिश्तों पे खुद ही, पांव धर आया हूँ मैं ।।

- Nitin Kr Harit




Plz read full in caption !! ये हृदय कागज किया है, और स्याही की है धड़कन,
तब कहीं जाकर, तुम्हारा गीत लिख पाया हूँ मैं ।
एक तुम्हारे प्रेम में, ना जाने कितने स्वप्न टूटे,
कितने ही रिश्तों पे खुद ही, पांव धर आया हूँ मैं ।।

कितने ही स्वर्णिम क्षणों का, त्याग करके हंसते हंसते,
एक अंतिम पूर्ण क्षण को, संग तुम्हारा चाहता हूँ ।
मैं रहूं या ना रहूं, पर रंग जो फैले धरा पर,

नितिन कुमार 'हरित'

गुजरते वक़्त में धुंधली पड़ रहीं हैं, मेरे ज़हन की तहरीरें, तुम्हे कोई चश्मा मिले तो ला देना। हो कोई मय, जिसे पियो, और नशा कभी उतरे ही नहीं, तो मेरे दोस्त, मेरे पास बैठना, पिला देना। वो खुआब, जो खुआब ही ना रहे, हकीक़त भी बने, मैं जागता रहूंगा, मगर दिखा देना।

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गुजरते वक़्त में धुंधली पड़ रहीं हैं, मेरे ज़हन की तहरीरें,
तुम्हे कोई चश्मा मिले तो ला देना।

हो कोई मय, जिसे पियो, और नशा कभी उतरे ही नहीं,
तो मेरे दोस्त, मेरे पास बैठना, पिला देना।

वो खुआब, जो खुआब ही ना रहे, हकीक़त भी बने,
मैं जागता रहूंगा, मगर दिखा देना।

जिसमें चेहरे ही ना दिखें, ये दिल भी दिखता हो,
कहीं मिले जो तुम्हें, वो आईना देना।।

- Nitin Kr Harit गुजरते वक़्त में धुंधली पड़ रहीं हैं, मेरे ज़हन की तहरीरें,
तुम्हे कोई चश्मा मिले तो ला देना।

हो कोई मय, जिसे पियो, और नशा कभी उतरे ही नहीं,
तो मेरे दोस्त, मेरे पास बैठना, पिला देना।

वो खुआब, जो खुआब ही ना रहे, हकीक़त भी बने,
मैं जागता रहूंगा, मगर दिखा देना।

नितिन कुमार 'हरित'

तू कैसे हर ज़ख्म पे भी हंँस सी देती है ? औरत, तेरी अदाकारी का भी जवाब नहीं। - Nitin Kr Harit #Women #Woman #SmileinPain #proud

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तू कैसे हर ज़ख्म पे भी हंँस सी देती है ?
औरत, तेरी अदाकारी का भी जवाब नहीं।

- Nitin Kr Harit तू कैसे हर ज़ख्म पे भी हंँस सी देती है ?
औरत, तेरी अदाकारी का भी जवाब नहीं।
- Nitin Kr Harit

#Women
#Woman
#SmileinPain
#Proud

नितिन कुमार 'हरित'

सबकी अपनी अपनी दुनिया सबकी अपनी अपनी सोच, कोई रहता चुप चुप गुमसुम, कोई करता नित उदघोष । कोई हंसता कोई रोता, कोई रहता नित अतिशान्त, सबकी अपनी अपनी बोली, सबके अपने अपने प्रांत ।

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सबकी अपनी अपनी दुनिया
सबकी अपनी अपनी सोच,
कोई रहता चुप चुप गुमसुम,
कोई करता नित उदघोष ।

कोई हंसता कोई रोता,
कोई रहता नित अतिशान्त,
सबकी अपनी अपनी बोली,
सबके अपने अपने प्रांत ।

स्वप्न अलग हैं, भाव अलग हैं,
किंतु जैसे रुधिर रंग एक ,
एक ही रखना अपनी माटी,
देश प्रेम में सब संग एक ।।

follow@aaina.nkharit

- Nitin Kr Harit सबकी अपनी अपनी दुनिया
सबकी अपनी अपनी सोच,
कोई रहता चुप चुप गुमसुम,
कोई करता नित उदघोष ।
कोई हंसता कोई रोता,
कोई रहता नित अतिशान्त,
सबकी अपनी अपनी बोली,
सबके अपने अपने प्रांत ।

नितिन कुमार 'हरित'

हे राम तू तो अनन्त है, नहीं तेरा कोई अन्त है। जल में है तू, थल में है तू, अचल में तू, चल में है तू। भक्त के लिए हे राम तू, कई बार धरती पे आया है, हर व्यक्ति के मन में प्रभो, बस तेरे रूप की छाया है।

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 हे राम तू तो अनन्त है, 
नहीं तेरा कोई अन्त है।
जल में है तू, थल में है तू,
अचल में तू, चल में है तू।
भक्त के लिए हे राम तू,
कई बार धरती पे आया है,
हर व्यक्ति के मन में प्रभो,
बस तेरे रूप की छाया है।
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