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यहीं मिले थे हजारों चेहरा पढने वाले जरा गौर से देख

यहीं मिले थे हजारों चेहरा पढने वाले
जरा गौर से देखा सबके चेहरों पर नकाब थे 
वो झूठ बोल कर जख्मों को नासूर बनाने में माहिर
घबराया मैं क्योंकि मेरे जख्म बेहिसाब थे

©RaaWi
  #luv