मोहब्बत के इश्तिहार दिखने लगे हैं हम तो इश्क़ में बिन दाम बिकने लगे है, कोई आकर तोड़ दे फिर से दिल को हमारे, आँख के बहते आंशू फिर से रुकने लगे है | Babita Pandey indira smita✍️ishu