White #खेल नसीब का.... शब्दभेदी किशोर मैने किनारों कों लहरों में डुबते देखा बहकी हुई कश्ती को बिच समुंदर झुमते देखा ये कैसे उसूल हैं इस जिंदगी के मैंने जिंदगी ने मुझे चुनकर दिये गए हर रास्ते को मंजिल पे आतें ही मोड़ते देखा ©शब्दवेडा किशोर #किस्मत_का_खेल