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कितनी शीतल थी मन की ज्वाला कल जब खुद पर शोलह श्रृं

कितनी शीतल थी मन की ज्वाला कल
जब खुद पर शोलह श्रृंगार दिखा था
नयनन अब तो राह निहारे
चाँद से प्यारे मुखड़े को
थे बलखाते बालों के लट निखारे

चित हिय में बसे कुछ बातें हैं
कुछ बिखरी सिमटी से यादें हैं
यादें आती उमस की भांति
छलनी हृदय कर के जाती

सिसक सिसक कर यादें बहती
दृग को गीला कर के जाती
काज़ल लगे अब कालिख सा
छूट गया वो अपना सा
अब मेहंदी और महावर क्या
अब चूड़ी कंगन के हैं कर्कश वाणी
कानों को ना सुहाते ये कर्कश वाणी
टीश भरी कलेजे  लेके
किस ओर चलूँ किस ओर लगूँ
आँशु भी अब तो सुख गये
सिन्दूर भी मांग से रूठ गये
छाया ना रही मेरी अपनी अब
अपने पर किसका अधिकार समझूँ मैं

मैं उन्मुक्त गगन में लहराती
अपने मांझे के बल पर इतराती
मेरा मांझा मुझसे टूट गया
जीवन को नीरस छोड़ गया

मैं सरस सलील की एक परी
लहरों में खूब थी विचरण करती
अब सौभाग्य मेरा अभाग्य हुआ
तिमिर मेरा संसार हुआ

अब हो मौसम चाहे सर्दी गर्मी या मेघों का
मैं स्तब्ध हुई अब शांत हुई
आँशु को पत्थर कर के अब
मोह माया के रिश्तों से
जग जीवन से विरक्त हुई
अपने सांसो का बोझ लिये मैं
अपने आप में अंतर्ध्यान हुई।

©Adarsh k Tanmay The sorrows of the wives of the brave martyrs Pulwama attack.
कितनी शीतल थी मन की ज्वाला कल
जब खुद पर शोलह श्रृंगार दिखा था
नयनन अब तो राह निहारे
चाँद से प्यारे मुखड़े को
थे बलखाते बालों के लट निखारे

चित हिय में बसे कुछ बातें हैं
कुछ बिखरी सिमटी से यादें हैं
यादें आती उमस की भांति
छलनी हृदय कर के जाती

सिसक सिसक कर यादें बहती
दृग को गीला कर के जाती
काज़ल लगे अब कालिख सा
छूट गया वो अपना सा
अब मेहंदी और महावर क्या
अब चूड़ी कंगन के हैं कर्कश वाणी
कानों को ना सुहाते ये कर्कश वाणी
टीश भरी कलेजे  लेके
किस ओर चलूँ किस ओर लगूँ
आँशु भी अब तो सुख गये
सिन्दूर भी मांग से रूठ गये
छाया ना रही मेरी अपनी अब
अपने पर किसका अधिकार समझूँ मैं

मैं उन्मुक्त गगन में लहराती
अपने मांझे के बल पर इतराती
मेरा मांझा मुझसे टूट गया
जीवन को नीरस छोड़ गया

मैं सरस सलील की एक परी
लहरों में खूब थी विचरण करती
अब सौभाग्य मेरा अभाग्य हुआ
तिमिर मेरा संसार हुआ

अब हो मौसम चाहे सर्दी गर्मी या मेघों का
मैं स्तब्ध हुई अब शांत हुई
आँशु को पत्थर कर के अब
मोह माया के रिश्तों से
जग जीवन से विरक्त हुई
अपने सांसो का बोझ लिये मैं
अपने आप में अंतर्ध्यान हुई।

©Adarsh k Tanmay The sorrows of the wives of the brave martyrs Pulwama attack.