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हद-ऐ-शहर से निकली तो गांव-गांव चली कुछ

हद-ऐ-शहर से
निकली तो गांव-गांव
          चली
  कुछ यादें मेरे संग
    पांव-पांव चली
सफ़ऱ जो धूप का किया
    तो तज़र्बा हुआ
  वो ज़िन्दगी ही क्या
 जो छांव-छांव चली हद-ऐ-शहर से
निकली तो गांव-गांव
          चली
  कुछ यादें मेरे संग
    पांव-पांव चली
सफ़ऱ जो धूप का किया
    तो तज़र्बा हुआ
  वो ज़िन्दगी ही क्या
हद-ऐ-शहर से
निकली तो गांव-गांव
          चली
  कुछ यादें मेरे संग
    पांव-पांव चली
सफ़ऱ जो धूप का किया
    तो तज़र्बा हुआ
  वो ज़िन्दगी ही क्या
 जो छांव-छांव चली हद-ऐ-शहर से
निकली तो गांव-गांव
          चली
  कुछ यादें मेरे संग
    पांव-पांव चली
सफ़ऱ जो धूप का किया
    तो तज़र्बा हुआ
  वो ज़िन्दगी ही क्या
brokenboy6934

BROKENBOY

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हद-ऐ-शहर से निकली तो गांव-गांव चली कुछ यादें मेरे संग पांव-पांव चली सफ़ऱ जो धूप का किया तो तज़र्बा हुआ वो ज़िन्दगी ही क्या