Nojoto: Largest Storytelling Platform

चाँद की प्रतीक्षा में मैं बैठा था एक रात छत पर चाँ

चाँद की प्रतीक्षा में
मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
लेकिन कुछ और ही छुपा था भगवान की इच्छा में।१।
आज न जाने कहाँ से एक और चाँद छत पर निकला था।
जिसको देख के मेरा दिल आज पहली दफा पिघला था।२।
मन में ख़्याल आया दौड़ के उसको दूँ टीका लगा।
जिसके आगे उस चाँद का नूर भी फीका लगा।३।
मैं बैठा था..........
मैं मंत्रमुग्ध हो कर  देख रहा था ऐसे उसकी ओर।
जैसे एक टक चाँद को देखता हो कोई चकोर।४।
ऐसा लगा जैसे वो चाँदनी में ऐसे नहाई थी ।
मानो स्वर्ग से मेनका ,रम्भा और उर्वशी उतर आई थी।५।
जितनी तारीफ करें उतना ही कम था।
जिस ख़ुदा ने सुन्दरता की ये अद्भुत मूरत बनाई थी।६।
मैं बैठा था..........
फिर एक नही कई बार हुई ।
उसकी और मेरी आँखें चार हुई।७।
मैंने ठान लिया कि अब उसको हालात-ए-दिल से रुबरु करना है।
कितना मचल रहा है ये दिल उसके लिए उसको ये बताना है ।८।
फिर मेरे हृदय पर वज्र सा आघात हुआ।
जो मेरे साथ हुआ ऐसा न कभी पहले किसी के साथ हुआ।९।
मैं बैठा था..........
जैसे मैं उससे कुछ कहने को हुआ ।
रात बीत गयी दिनकर निकलने को हुआ।१०।
वो मुझे ऐसे देख के गयी जैसे उसको फिर कल आना है।
मैं चाहता था वो रुक जाए मैं उसको वो बता दूँ जो उसको बताना है।११।
चाँद की प्रतीक्षा में काट दी कई अमावस की काली रातें।
पर उससे अब तक न हो पाई जो करनी थी उससे बातें।१२।
 मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
चाँद की प्रतीक्षा में #NojotoQuote #रातकाअफ़साना 


चाँद की प्रतीक्षा में
मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
लेकिन कुछ और ही छुपा था भगवान की इच्छा में।१।

आज न जाने कहाँ से एक और चाँद छत पर निकला था।
चाँद की प्रतीक्षा में
मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
लेकिन कुछ और ही छुपा था भगवान की इच्छा में।१।
आज न जाने कहाँ से एक और चाँद छत पर निकला था।
जिसको देख के मेरा दिल आज पहली दफा पिघला था।२।
मन में ख़्याल आया दौड़ के उसको दूँ टीका लगा।
जिसके आगे उस चाँद का नूर भी फीका लगा।३।
मैं बैठा था..........
मैं मंत्रमुग्ध हो कर  देख रहा था ऐसे उसकी ओर।
जैसे एक टक चाँद को देखता हो कोई चकोर।४।
ऐसा लगा जैसे वो चाँदनी में ऐसे नहाई थी ।
मानो स्वर्ग से मेनका ,रम्भा और उर्वशी उतर आई थी।५।
जितनी तारीफ करें उतना ही कम था।
जिस ख़ुदा ने सुन्दरता की ये अद्भुत मूरत बनाई थी।६।
मैं बैठा था..........
फिर एक नही कई बार हुई ।
उसकी और मेरी आँखें चार हुई।७।
मैंने ठान लिया कि अब उसको हालात-ए-दिल से रुबरु करना है।
कितना मचल रहा है ये दिल उसके लिए उसको ये बताना है ।८।
फिर मेरे हृदय पर वज्र सा आघात हुआ।
जो मेरे साथ हुआ ऐसा न कभी पहले किसी के साथ हुआ।९।
मैं बैठा था..........
जैसे मैं उससे कुछ कहने को हुआ ।
रात बीत गयी दिनकर निकलने को हुआ।१०।
वो मुझे ऐसे देख के गयी जैसे उसको फिर कल आना है।
मैं चाहता था वो रुक जाए मैं उसको वो बता दूँ जो उसको बताना है।११।
चाँद की प्रतीक्षा में काट दी कई अमावस की काली रातें।
पर उससे अब तक न हो पाई जो करनी थी उससे बातें।१२।
 मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
चाँद की प्रतीक्षा में #NojotoQuote #रातकाअफ़साना 


चाँद की प्रतीक्षा में
मैं बैठा था एक रात छत पर चाँद की प्रतीक्षा में ।
लेकिन कुछ और ही छुपा था भगवान की इच्छा में।१।

आज न जाने कहाँ से एक और चाँद छत पर निकला था।