Nojoto: Largest Storytelling Platform

झूठ के तार दिल से जुड़े हैं। आज अंडे गगन मे



झूठ  के तार  दिल  से जुड़े हैं।
आज  अंडे  गगन  में  उड़े  हैं।।
मौलवी   पादरी   और  पंडित,
पाप ही की तरफ क्यों मुड़े हैं।।

देश  के   हेतु  थी  भक्ति  भारी।
कर  दिया शत्रु की नींद ख्वारी।।
क्रांति की ज्योति जिसने जलाई,
नाम   था   चंद्रशेखर   तिवारी।।

हो  नई  भोर  या  यामिनी तुम।
सात सुर से सजी रागिनी तुम।।
जिंदगी   बिन   तुम्हारे  अधूरी,
अब हमारी बनो कामिनी तुम।।

दिवा  हर स्वप्न की बुनियाद तुम ही हो।
बनी इस प्रीति की मीआद तुम ही हो।।
बसी   हो   आज  मेरी  साँस  में  ऐसे,
सुनो   मेरी  इलाहाबाद   तुम  ही  हो।।

जिंदगी  में  हर गजल की दाद हो तुम।
मौन मुखरित  का नया संवाद हो तुम।।
बिन   तुम्हारे  मैं अधूरा  हूँ  कसम  से,
इस बुझे मन का बनी आह्लाद हो तुम।।

नशीली  आँख  का तेरी प्रिया ये जाम अच्छा है।
मिला है प्रेम में जो भी वही परिणाम अच्छा है।।
गली  में आज  चर्चे  हैं सुनो अपनी मुहब्बत के-
तुम्हारे  प्रेम  में  पूरा  हुआ  बदनाम  अच्छा है।।

सनम का आँख अपनी बन्द कर दीदार करता हूँ।
विरह  में  स्वप्न उर के जो उन्हें मैं खार करता हूँ।।
बड़ा  नादान   हूँ   मैं  भी  उसे  कैसे  बताऊँ यह, 
बनी  वह  जान  है मेरी  जिसे मैं प्यार करता हूँ।।

मौत   के    सौदागरों   के   घर   तबाही  जाएगी।
देश    के   गद्दार   को  क्यों  वाहवाही   जाएगी।।
फातिमा  भी  तो  तुम्हारी  फाग  खेले  कृष्ण  से,
अब नहीं जोधा कोई अकबर को ब्याही जाएगी।।

हुए  जो  लिप्त लिप्सा  में  सदा  उपहास  होता है।
गुलामी  तोड़  कर  आगे  बढ़े  वो  खास  होता है।।
धमक उसकी सुने गर सल्तनत भी काँप जाती थी,
शिवा  जी  वीर  जैसों  का सदा इतिहास होता है

©कमलेश मिश्र
  हमारी अधूरी कहानी.....

हमारी अधूरी कहानी..... #कविता

27 Views