हर नया मौसम गिरगिट की तरह रंग अपना बदलने मे माहिर है मसलन सर्दी से गर्मी लाने क़े लिए. पहले तो वो हँसता है फिर उसी हंसी पर रो रो कर गर्मी पैदा कर लेता है और ज़ब सावन आता है तो अपने आंसुओं की धार को तेज करके मांसूनी शक्ल दें देता है और फिर बादलों को. धरती पर बुला कर उस धरती को गीला करता है ©Parasram Arora रंग बदलता मौसम.....