White *मेरी ज़िंदगी के बदले मुझे एक शाम दे दे* चांद के नीचे ख़ामोशी का पैग़ाम दे दे। जहां हवाएं भी दबी जुबां में गुनगुनाएं, ऐसी हसीन रात का एहतराम दे दे। सूरज के ढलते लम्हों में खो जाऊं, तेरी यादों के साये में सिमट जाऊं। न किसी मंज़िल की आरज़ू रहे, बस तेरे साथ का एक मुकाम दे दे। मेरे हर दर्द को तेरी बाहों का सहारा मिले, हर आंसू को मुस्कान का किनारा मिले। इस दिल को न अब कोई तड़प दे, बस तेरी निगाहों का सलाम दे दे। ज़िंदगी के सारे ग़म मिटा दूंगा, तेरे नाम पर सबकुछ लुटा दूंगा। बस एक शाम, जो तुझसे सजी हो, मुझे वो नायाब इनाम दे दे। ©Rohit Bansal "ज़िंदगी के सौदों में कुछ खास नहीं चाहिए, बस एक शाम ऐसी हो, जो सारा दर्द भुला दे।" #Love