जिसकी जेब में पैसा है, वो राजा के जैसा है, मिली आँख लब मुस्काए, समझो सूर्य उदय सा है, तपती धूप में साथ तुम्हारा, ठण्डा शीत मलय सा है, घूमा सकल जगत तो पाया, घर की याद वलय सा है, रखता नहीं द्वेष या बंधन, मधुवन संत हृदय सा है, सुख-दुःख का आना-जाना, अच्छे-बुरे समय सा है, जिसकी सेहत अच्छी गुंजन, व्यथा रहित निर्भय सा है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #जिसकी जेब में पैसा है#