Nojoto: Largest Storytelling Platform

Tum se ek shikayat hai मैं मानता था तुझको एक सज़ा,अ

Tum se ek shikayat hai मैं मानता था तुझको एक सज़ा,अपने कर्मो की,
चाहत थी मेरी, निकल जाऊँ तेरे ज़हन से,
लेकिन बस लाज बचाकर रखा हूँ अपने शर्मों की।

अब एक आदत सी बन गयी है ,तुझे जीने की,
लेकिन जब देखता हूँ तुझे बेसहारा
तो भूल जाता हुँ दर्द अपने सीने की,

तेरे प्रेम के रस को तो पा न सका,इसलिए
आदत रख ली है,दो पेग पीने की।
 

 #NojotoQuote wringed heart
Tum se ek shikayat hai मैं मानता था तुझको एक सज़ा,अपने कर्मो की,
चाहत थी मेरी, निकल जाऊँ तेरे ज़हन से,
लेकिन बस लाज बचाकर रखा हूँ अपने शर्मों की।

अब एक आदत सी बन गयी है ,तुझे जीने की,
लेकिन जब देखता हूँ तुझे बेसहारा
तो भूल जाता हुँ दर्द अपने सीने की,

तेरे प्रेम के रस को तो पा न सका,इसलिए
आदत रख ली है,दो पेग पीने की।
 

 #NojotoQuote wringed heart
anandmishra6897

Anand Mishra

New Creator