आईने के टुकड़ों में खो गए हम बिछड़े क्या उनसे, रो गए हम जागती आंखों से देखे थे ख़्वाब फिर आंखे बंद कर सो गए हम बहुत आम से हो गए है वो अब उनकी जिन्दगी से जो गए हम दर्दों के पौंधे को तो उगना ही था ज़ख्म अपने ही दामन बो गए हम मेरे ही खून से सने थे हाथ उसके वो दाग भी उसके हाथों धो गए हम @अभिनव #Barbad_Shayar #tree #love