मृत्यु के बादल समर में मंडरा रहे हैं, वीर रणभूमि में सहज ही मुस्कुरा रहे हैं। रणबांकुरे लड़-लड कर शीश कटा रहे हैं, आजादी का मूल्य अपने प्राणो से चुका रहे हैं। रणभूमि में लग रही है,हर-हर महादेव की बोलियां, चारों तरफ फट रहे हैं बम और चल रही है गोलियां। जिंदगी घुट-घुट कर धीमे-धीमे आहें भर रही है, मौत के आगोश में भी जाकर जिंदगी खूब लड़ रही है। ----------------आनन्द ©आनन्द #जिंदगी #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #युद्ध #रण