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सिमट गया पानी चंद मिट्टी की परतों में ही मगर मौसम

सिमट गया पानी चंद मिट्टी की परतों में ही
मगर मौसम तो कह रहा था खेलना नहीं है

"...सारी सीटें भरी हैं मत चड़ो यहां बच्चे को लेकर"
("और भी आती होंगी बसें अभी")
बताओ इन जाहिलों को माँ कि तुम्हें वक़्त नहीं है

उस दिन दिल में था तुम्हारे कि गले ही लगा लूं उसे
तुम आज मगर हो अकेले ही, वो लड़की कहां है

काट लोगे तुम सारी उम्र फरेब के इस नशे में ही
ये फैसला लिया था जिसमें, वो होश अब कहां है

मुद्दतों रहा इंतजार फिर नुस्खे भी व्यस्त रहने के किए बहुत 
बुरा ना मानो, जरूर आए होगे मगर तुम सा कोई याद नहीं है

फूट ही गए लो सीसे जो नैन - नक्श सिर्फ अच्छे ही बताया किये
ये तब समझ आया है यारो, यानी सच तो था कि सच भी झूठ है।

-Lakshi #fogg
सिमट गया पानी चंद मिट्टी की परतों में ही
मगर मौसम तो कह रहा था खेलना नहीं है

"...सारी सीटें भरी हैं मत चड़ो यहां बच्चे को लेकर"
("और भी आती होंगी बसें अभी")
बताओ इन जाहिलों को माँ कि तुम्हें वक़्त नहीं है

उस दिन दिल में था तुम्हारे कि गले ही लगा लूं उसे
तुम आज मगर हो अकेले ही, वो लड़की कहां है

काट लोगे तुम सारी उम्र फरेब के इस नशे में ही
ये फैसला लिया था जिसमें, वो होश अब कहां है

मुद्दतों रहा इंतजार फिर नुस्खे भी व्यस्त रहने के किए बहुत 
बुरा ना मानो, जरूर आए होगे मगर तुम सा कोई याद नहीं है

फूट ही गए लो सीसे जो नैन - नक्श सिर्फ अच्छे ही बताया किये
ये तब समझ आया है यारो, यानी सच तो था कि सच भी झूठ है।

-Lakshi #fogg
laxmankumar1950

Laxman Kumar

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