ईंट कंक्रीट के शहरों में जज्बात ढूंढते हो, शीशे के मकानों में क्यो अहसास ढूंढते हो। गए वो दौर जब अपनापन खिलखिलाता था, आज अपने ही घर मे किसी का साथ ढूंढते हो। ©purvarth #लाइफ़