ना जाने ये जिदंगी का कैसा दौर है एक ओर कन्या पूजन तो दूसरी ओर हैवानियत का शोर है आज के इस समाज में चारो ओर बस झोल है आज ये समाज कहता कुछ है और करता कुछ और है ये दिखाता कुछ है इस ज़माने को पर, जनाब इसकी असलियत तो कुछ और है। ©Neelam Verma #societyneedschange #Texture