इस अंधेरे में चांद का नूर छुपा है सूरज का गूरूर छुपा है कई जमाने छुपे हैं, कुछ अधूरे अफसाने छुपे हैं ख्वाब भी कुछ छुपाएं गये है कुछ आंसु भी इस अंधेरे में बहाएं गये है, किसी को सुकुन हि इस अंधेरे में मिलता है, कुछ उजाले कि उम्मीद लगाए हुए है, जनाब इस अंधेरे में एक और "अंधेरा" छुपा है, जो अपने आप में बहुत से सवालात दफनाएं हुए हैं #Raat