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उनके चेहरे की झुर्रियां वक़्त का तकाज़ा नहीं बताती

उनके चेहरे की झुर्रियां 
वक़्त का तकाज़ा नहीं बताती ।
वो कहती हैं 
के "कोई हमसे आगे निकल गया
अपनों की तकदीर सवारने
और हम पसरे रहे अपनी चादर पर,

बस सिलवटें पड़ गयी !" माँ
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Transliteration
-----------------
Maa

Unke chehre ki jhurriya
waqt ka takaza nahin batati
उनके चेहरे की झुर्रियां 
वक़्त का तकाज़ा नहीं बताती ।
वो कहती हैं 
के "कोई हमसे आगे निकल गया
अपनों की तकदीर सवारने
और हम पसरे रहे अपनी चादर पर,

बस सिलवटें पड़ गयी !" माँ
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Transliteration
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Maa

Unke chehre ki jhurriya
waqt ka takaza nahin batati
calmkazi6439

CalmKazi

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