उनके चेहरे की झुर्रियां वक़्त का तकाज़ा नहीं बताती । वो कहती हैं के "कोई हमसे आगे निकल गया अपनों की तकदीर सवारने और हम पसरे रहे अपनी चादर पर, बस सिलवटें पड़ गयी !" माँ ----------------- Transliteration ----------------- Maa Unke chehre ki jhurriya waqt ka takaza nahin batati