उत्साह, उमंग, हर्ष ख़ुशी में मग्न हो रहा जग सारा, बेंड, डीजे पर नाच, गा रहे सब, बैठ कर रो रहा सितारा.. इसने कपड़ा फाड़ा, उसने भी कपड़ा फाड़ा, जो नया लिया था धोती कपड़ा, वो बैठ कर रो रहा बिचारा.. कही बरसाए फूल होली में, कही रंगारंग होली, यहां तक तो ठीक था फिर क्यूँ माटी, गाद घोल के मुझ पर ढोली.. नित क्रियाये ये होती रहेगी, चलो होली मनाये मेरे यार, हँसते हँसाते, नाचते गाते हम मनाए अपना त्यौहार.. पीढ़ी दर पीढ़ी इस परम्परा का, भक्त प्रहलाद और होली माता का, हम सदा करते सादर प्रणाम.. हरे विष्णु, हरे विष्णु का सब जपते रहो नाम.... Happy होली. ©Navin charpota #Colors #Holi