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ओ मेरे किस्मत में नहीं, फिर भी दिल जाने क्यों? उस

ओ मेरे किस्मत में नहीं,
फिर भी दिल जाने क्यों? 
उसी को लक्ष्य मानता हैं ..
उसके दहलीज के भी मुनासिब नहीं हूँ मैं,  
फिर भी दिल जाने क्यों? 
उसी को मंजिल मानता है। #ओ_मेरे_किस्मत_में_नहीं
ओ मेरे किस्मत में नहीं,
फिर भी दिल जाने क्यों? 
उसी को लक्ष्य मानता हैं ..
उसके दहलीज के भी मुनासिब नहीं हूँ मैं,  
फिर भी दिल जाने क्यों? 
उसी को मंजिल मानता है। #ओ_मेरे_किस्मत_में_नहीं