जब मै रोऊँ परदेश मे भीगा मन्न मेरा देश मे आँखों की बात हो गई दर्द से ना चिठ्ठी ना तार बस एक बूँद की गहराई मे समाया है सारा संसार ख्वाब सब भीग गये मेरे सूखे आसमां मे मै खामोशी ही रह गया शोर के बजार मे जो मेरा था वो भी गेर हो गया गेरो के कारवां मे । chandny ©Sangeeta Verma गेर