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नृत्य करत नंदकिशोर आज । प्रभु सुख काज़ एहि लीला भई

नृत्य करत नंदकिशोर आज ।

प्रभु सुख काज़ एहि लीला भई,
उदित भयो चंद पूरब ओर आज।

ततपर भई रास को गोपी जब,
प्रगटे मध्य गोपि नयन चकोर आज।

श्री राधा संग मध्य में ठाड़े भये,
निर्त्तत गोपी बनी भावविभोर आज।

बनी शरदपूर्णिमा की राति ऐसी,
"दास नीरव"निरख होय भावविभोर आज।

©Nirav Rajani "શાદ" #Navvilas

#Krishna
नृत्य करत नंदकिशोर आज ।

प्रभु सुख काज़ एहि लीला भई,
उदित भयो चंद पूरब ओर आज।

ततपर भई रास को गोपी जब,
प्रगटे मध्य गोपि नयन चकोर आज।

श्री राधा संग मध्य में ठाड़े भये,
निर्त्तत गोपी बनी भावविभोर आज।

बनी शरदपूर्णिमा की राति ऐसी,
"दास नीरव"निरख होय भावविभोर आज।

©Nirav Rajani "શાદ" #Navvilas

#Krishna