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मैंने अपना सच खोला और लिक्खा मैं पागल हूं। कोई पा

मैंने अपना सच खोला
और लिक्खा
मैं पागल हूं।

कोई पागल ही होगा,
जो पागल का कहा
सच समझेगा।

वो दीवारों से बात करता है
दीवारों के कान होते हैं,
इतना तो पागल नहीं है कि
दीवारों पर सर मारेगा।
मैंने अपना सच खोला
और लिक्खा
मैं पागल हूं।

कोई पागल ही होगा,
जो पागल का कहा
सच समझेगा।

वो दीवारों से बात करता है
दीवारों के कान होते हैं,
इतना तो पागल नहीं है कि
दीवारों पर सर मारेगा।