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गालिब की तरह तो नहीं पर हां एक गुलाबी सी मुंह में जु़बाँ हम भी रखते हैं, कोई बतलाए़ या हम बतलाएं क्या। कल रात शोर बहुत था मुझे नींद नहीं आई, सिरहाना मीर का क्यों लिया मैंने कोई बतलाए या हम बतलाएं क्या।
Rakesh Kumar Dogra | Nojoto: India's Largest Storytelling Platform...