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सुबह हो या शाम हर दफ़ा खूब दौड़ाती

सुबह हो या शाम 
  हर दफ़ा खूब दौड़ाती 
                               य़े ज़िन्दगी 
जब भी कोशिश करू थामने की इसे 
तो हमेशा हाथो से फिसल ही जाती 
                                       ये ज़िन्दगी 
जब भी समझाना चाहा इसे 
   तो उल्टा मुझे ही समझा जाती 
                                 य़े ज़िन्दगी 
रोज रात के सपनो के बाद 
  हर सुबह हकीकत से वाकिफ कराती 
                                        य़े ज़िन्दगी
जब खाली होती जेबे 
         तो और तेज भागती 
                                   य़े ज़िन्दगी 
इस अवल दुनिया की दौड़ मे 
                     जब भी दौड़ लगाता 
       तो कही पिछे ही छूट जाती 
                                      ये ज़िन्दगी 
जब चाहा तो पास ना आती
 और कभी ना चाहते हुए भी
                   इतने पास आ जाती 
                                            ये ज़िन्दगी 
कभी थोड़ा हँसाती
  तो कभी खूब रूलाती 
                              ये ज़िन्दगी 
कभी तो पूरे आसमां मे समा जाती 
तो कभी छोटी सी रात मे भी 
                           ना समा पाती 
                                          ये ज़िन्दगी 
 कई दफा सिर्फ चुपचाप सताती 
तो कई दफा चुपके से कुछ राज़ बताती 
                                             य़े ज़िन्दगी
कैसे जीते है गमो के बिस्तर पे भी 
                   खुशियों की चदर तान कर 

कैसे जीते है गमो के बरसात मे भी 
                   खुशियों के बौछार संग 

                 बस जीने के इन्ही अंदाज को सिखाती 
                                                ये ज़िन्दगी 
                      बस जीने के इन्ही अंदाज को तो सिखाती
                                                 ये ज़िन्दगी  
                              ABYEE

©Abhay Anita Kumar #abyee

#creativeminds
सुबह हो या शाम 
  हर दफ़ा खूब दौड़ाती 
                               य़े ज़िन्दगी 
जब भी कोशिश करू थामने की इसे 
तो हमेशा हाथो से फिसल ही जाती 
                                       ये ज़िन्दगी 
जब भी समझाना चाहा इसे 
   तो उल्टा मुझे ही समझा जाती 
                                 य़े ज़िन्दगी 
रोज रात के सपनो के बाद 
  हर सुबह हकीकत से वाकिफ कराती 
                                        य़े ज़िन्दगी
जब खाली होती जेबे 
         तो और तेज भागती 
                                   य़े ज़िन्दगी 
इस अवल दुनिया की दौड़ मे 
                     जब भी दौड़ लगाता 
       तो कही पिछे ही छूट जाती 
                                      ये ज़िन्दगी 
जब चाहा तो पास ना आती
 और कभी ना चाहते हुए भी
                   इतने पास आ जाती 
                                            ये ज़िन्दगी 
कभी थोड़ा हँसाती
  तो कभी खूब रूलाती 
                              ये ज़िन्दगी 
कभी तो पूरे आसमां मे समा जाती 
तो कभी छोटी सी रात मे भी 
                           ना समा पाती 
                                          ये ज़िन्दगी 
 कई दफा सिर्फ चुपचाप सताती 
तो कई दफा चुपके से कुछ राज़ बताती 
                                             य़े ज़िन्दगी
कैसे जीते है गमो के बिस्तर पे भी 
                   खुशियों की चदर तान कर 

कैसे जीते है गमो के बरसात मे भी 
                   खुशियों के बौछार संग 

                 बस जीने के इन्ही अंदाज को सिखाती 
                                                ये ज़िन्दगी 
                      बस जीने के इन्ही अंदाज को तो सिखाती
                                                 ये ज़िन्दगी  
                              ABYEE

©Abhay Anita Kumar #abyee

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