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मुंशी प्रेमचंद और हिंदी हिंदी साहित्य में अमर रहे

मुंशी प्रेमचंद और हिंदी

हिंदी साहित्य में अमर रहेगा, मुंशी प्रेमचंद का नाम उनकी कथा कहानी में था, शोषण मुक्ति का पैगाम 
गांव गरीब और शोषण की, उनकी कथा कहानी थी  दिल को छू जाती थी, लिखने की अदा निराली थी जागीरदारी अंग्रेजों के, शोषण को हथियार बनाया था ग्राम स्वराज के सपने को, बखूबी चित्रित कर डाला था उनकी लिखी कहानी में, संदेश एक शुभ होता था 
पढ़ने वाले का मन, प्रेम करुणा से भर जाता था जन्मभूमि और देश प्रेम का, उनका भाव निराला था आजादी के आंदोलन की, धार बढ़ाने वाला था तत्कालीन कुप्रथाओं पर, अपने लेखन से बार किया गरीब और  शोषित समाज का, लेखन से उद्धार किया गोदान, कर्मभूमि,  रंगभूमि, स्वराज स्वप्न के पोषक थे उनकी हर कथा कहानी, दासता मुक्ति के ध्योतक थे जिस  ग्राम  स्वराज का सपना, गांधी जी ने देखा था  उनके दर्शन से ओतप्रोत, प्रेमचंद के साहित्य में देखा जाता था 

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi #hamari hindi
मुंशी प्रेमचंद और हिंदी

हिंदी साहित्य में अमर रहेगा, मुंशी प्रेमचंद का नाम उनकी कथा कहानी में था, शोषण मुक्ति का पैगाम 
गांव गरीब और शोषण की, उनकी कथा कहानी थी  दिल को छू जाती थी, लिखने की अदा निराली थी जागीरदारी अंग्रेजों के, शोषण को हथियार बनाया था ग्राम स्वराज के सपने को, बखूबी चित्रित कर डाला था उनकी लिखी कहानी में, संदेश एक शुभ होता था 
पढ़ने वाले का मन, प्रेम करुणा से भर जाता था जन्मभूमि और देश प्रेम का, उनका भाव निराला था आजादी के आंदोलन की, धार बढ़ाने वाला था तत्कालीन कुप्रथाओं पर, अपने लेखन से बार किया गरीब और  शोषित समाज का, लेखन से उद्धार किया गोदान, कर्मभूमि,  रंगभूमि, स्वराज स्वप्न के पोषक थे उनकी हर कथा कहानी, दासता मुक्ति के ध्योतक थे जिस  ग्राम  स्वराज का सपना, गांधी जी ने देखा था  उनके दर्शन से ओतप्रोत, प्रेमचंद के साहित्य में देखा जाता था 

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi #hamari hindi