कुछ ऐसा होगा ये मालूम न था, ये शांति यूँ मिलेगी मालूम न था, ये चमचमाती दिल्ली को, ऐसा भी देखूंगा ये मालूम न था, दिल्ली के दिल को यूँ भी कभी देखूँगा, ये भी मालूम न था दिल्ली को ग्रहण यूँ भी लगेगा, मालूम न था, ऐ मेरी दिल्ली दुनिया की, तू जल्द लौट कर दिखा, ताकि मालूम हो सब को, ये है दिल्ली मेरी जान........2 मेरी दिल्ली खामोश है