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जरूरतो ने राह मोड़ी है मेरी। सपने थे जो देखे मैंने

जरूरतो ने राह मोड़ी है मेरी।
सपने थे जो देखे मैंने 
अब धुंधले से लगने लगे।
मुसाफिर भला मैं ठहरा
राहें बदली है मंजिल नहीं।
एक रोज उस तक पहुंचेंगे
उस नये सुबह की तलाश जारी है।। आज सुबह का #collab  Aesthetic Thoughts की ओर से। 
रास्ता तो कोई भी भटक सकता है मगर मंज़िल पर पहुँचते वही हैं जो उस भटकाव से सबक़ लेते हैं और अपनी यात्रा को सुनियोजित  करते हैं।
 #atरास्ताभटकना #भटकना
#collab #yqaestheticthoughts #yqdidi #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
जरूरतो ने राह मोड़ी है मेरी।
सपने थे जो देखे मैंने 
अब धुंधले से लगने लगे।
मुसाफिर भला मैं ठहरा
राहें बदली है मंजिल नहीं।
एक रोज उस तक पहुंचेंगे
उस नये सुबह की तलाश जारी है।। आज सुबह का #collab  Aesthetic Thoughts की ओर से। 
रास्ता तो कोई भी भटक सकता है मगर मंज़िल पर पहुँचते वही हैं जो उस भटकाव से सबक़ लेते हैं और अपनी यात्रा को सुनियोजित  करते हैं।
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nirajkumar5911

Niraj Kumar

New Creator

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