Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो जमाना कुछ और था, जब हमारे श्री राम



वो     जमाना   कुछ   और   था,
जब हमारे श्री राम हुआ करते थे।

कठौती में गंगा और हृदय में
चारो   धाम   हुआ  करते थे।

बाट  जोहती   गोपियां  ,  और
 गोकुल के गाम हुआ करते थे।

राधा   जी का  निश्छल प्रेम,और 
बंसी बजैया श्याम हुआ करते थे।

कर्मों  में सत्कर्म और अभिवादन में,
 चरण स्पर्श व प्रणाम हुआ करते थे।

इष्ट  के  प्रति   आस्था   प्रचंड, और
 अधरों पर राम जी के नाम हुआ करते थे।

अहिरावण और असुराधिपति रावण भी ,
जिन  अवतारी  के वाम हुआ करते थे।

माता- पिता और गुरु प्रति श्रद्धा,और
नित भक्ति भाव ही काम हुआ करते थे।

ऐसा भी नहीं था कि अधर्मी नहीं होते थे
पर पश्चाताप करते हुए हर ताम हुआ करते थे।

हर  घर  में  हो  उन जैसा अवतारी,
जैसे रघुकुल के सियाराम हुआ करते थे।

प्रीत  लगे तो ऐसी लगाना जैसे
अपने राधेश्याम हुआ करते थे।

मित्रता  हो   तो  प्रभु    ऐसी रखना
जैसे सुदामा और घनश्याम हुआ करते थे।

वो    जमाना   कुछ   और    था
जब हमारे श्री राम हुआ करते थे।

कठौती में गंगा और हृदय में
चारो   धाम   हुआ करते  थे।

*हर्षा मिश्रा*
*शिक्षिका*
*छत्तीसगढ़*

©harsha mishra
  #Butterfly #जलाल #प्रशांत_की_डायरी #शेरनी #शादअहमद #रूप_की_गलियाँ