चलते-चलते अचानक, ज़िन्दगी क्यों रूक गई, उम्र की चढ़ती डाली, समय से पहले झुक गई। मंजिल पाने की चाह में, ज़िन्दगी की राह में, कोशिशें बेहिसाब थीं, करीब आकर चूक गई। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 193 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।