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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

स्वागत है श्रीमान आपका मेरी इन रचनाओं पर, मैं 'झारखण्ड' के 'जमशेदपुर' क्षेत्र से आता हूँ। टाटा स्टील के 'एच आर एम' विभाग में कार्यरत, मैं 'अनिल प्रसाद सिन्हा' "मधुकर" कहलाता हूँ। लेखन में रुचि रखता हूँ, लेखनी ही मेरी जान है, चित्रगुप्त का वंशज हूँ, लेखनी मेरी पहचान है। स्वरचित रचना है मेरी, अंतर्भाव से लिखता हूँ, त्रुटि लगे तो क्षमाप्रार्थी, आपको समर्पित करता हूँ।

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

🙏🌷 मधुकर 🌷🙏

©Anil Prasad Sinha 'Madhukar' नज़रिया बदलो

नज़रिया बदलो #विचार

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

शिव तांडव स्तोत्रम

शिव तांडव स्तोत्रम #शायरी

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
































अनिल

©Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
  स्वाभिमान

स्वाभिमान #कविता

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

एच आर एम परिवार

©Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
  एच आर एम परिवार

एच आर एम परिवार #कविता

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

मतलबी ज़माना हैए

©Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
  मतलबी ज़माना है

मतलबी ज़माना है #कविता

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

चित्त इस  छोर  पर, हम उस  छोर पर  खड़े थे,
किंकर्तव्यविमूढ़  सा, असहाय  होकर  पड़े थे।
इधर  परिवार, बीच में गहरा  अथाह  पारावार,
किसे छोड़ूँ किसे ना, बस यही सोचकर पड़े थे। 👉🏻 प्रतियोगिता- 748
विषय 👉🏻 🌹"उस छोर"🌹
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I

 🌟 इस रचना में आपको सिर्फ़ 4 पंक्तियाँ लिखनी हैं I 

🌟Collab कीजिये हमारे साथ और अपनी प्रतिभा को जानिए, लिखते रहिये, सीखते रहिये और सिखाते रहिये और लिखते वक़्त अपनी गलतियों पर ध्यान दे और उन्हें पूर्ण रूप से सही लिखें।
#क़लम_ए_हयात  #उसछोर_Qeh #yqdidi #yqurduhindipoetry #yqbaba #YourQuoteAndMine

👉🏻 प्रतियोगिता- 748 विषय 👉🏻 🌹"उस छोर"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I 🌟 इस रचना में आपको सिर्फ़ 4 पंक्तियाँ लिखनी हैं I 🌟Collab कीजिये हमारे साथ और अपनी प्रतिभा को जानिए, लिखते रहिये, सीखते रहिये और सिखाते रहिये और लिखते वक़्त अपनी गलतियों पर ध्यान दे और उन्हें पूर्ण रूप से सही लिखें। #क़लम_ए_हयात #उसछोर_Qeh #yqdidi #yqurduhindipoetry #yqbaba #YourQuoteAndMine

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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'


क़ाफ़िया --  🌹आऊँ🌹
रदीफ़ --     🌹 कैसे 🌹

बहर --  222  222  222  22
****************************
दामन  में  है  जो  दाग,  छुड़ाऊँ  कैसे,
बाबुल से  अपने  दाग,  छुपाऊँ  कैसे।

दिल में  जलता था, उम्मीदों  का दीया,
बुझते  दीये  को  आज,  जलाऊँ कैसे।

सारी उम्र  किया, रिश्तों  की  कद्र नहीं,
वैसे  रिश्तों  को  आज,  निभाऊँ  कैसे।

रूठ  गए   मेरे  अपने,  जिन  बातों  पे,
अपनों से  दिल की बात, बताऊँ  कैसे।

अरमानों  को   टूटकर,  बिखरते  देखा,
टूट  चुका  है जो, आज  सजाऊँ  कैसे।

निकल चुका हूँ दूर, बहुत ही अपनों से,
आना  भी   चाहूँ  तो,  मैं  आऊँ   कैसे।

मधुकर छलक गया है, पैमाना बनकर,
पैमानों  को  होंठों  तक,   लाऊँ  कैसे। #yqdidi #yqbaba 
#anil_madhukar 
Anil Prasad Sinha 
#ग़ज़ल 
#क़ाफ़िया_आऊँ
#रदीफ़_कैसे
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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

🌹 अट्ठावन बसंत की उम्र 🌹

अट्ठावन  बसंत  की उम्र, आज मेरे  नाम हो गई,
पता नहीं चला  कब थी सुबह, कब शाम हो गई।

बचपन में सोचते रहे, ना जाने कब हम बड़े होंगे,
कब मेरी दुनिया होगी, अपने पैरों पर  खड़े होंगे।
छीनकर  बचपना, जवानी मेरी  बदनाम  हो गई, 
पता नहीं चला  कब थी सुबह, कब शाम हो गई।

भागदौड़ की ज़िंदगी में कुछ मिला कुछ छूट गये,
कुछ नये रिश्ते बने तो, कुछ पुराने रिश्ते टूट गये।
चौथेपन को रोकने में जवानी भी नाकाम हो गई,
पता नहीं चला  कब थी सुबह, कब शाम हो गई।

अट्ठावन  बसंत  की उम्र, आज मेरे  नाम हो गई,
पता नहीं चला  कब थी सुबह, कब शाम हो गई। #yqdidi #yqbaba 
#anil_madhukar 
Anil Prasad Sinha 
#अट्ठावन_बसंत_की_उम्र
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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

🌹 रोशनी 🌹
रौशन   करने    को    ज़िन्दगी,
गिरकर    संभलना   पड़ता  है।
                संसार  की   रोशनी   के   लिए,
                सूरज  को   जलना   पड़ता  है।

स्याह   तिमिर   में   रोशनी  को,
शमा  बन   पिघलना  पड़ता है।
                 ज्ञान   की    रोशनी   के   लिए,
                 कंटक राहों पे  चलना पड़ता है।

परोपकार  परमार्थ  की  रोशनी,
आत्मा   को   शुद्ध   बनाती  है।
                 संस्कृति   संस्कार   की  रोशनी,
                 मानव   को   प्रबुद्ध  बनाती  है।

रोशनी  की   कमी   इंसान  को,
शालीनता रहित क्रुद्ध बनाती है।
                 ज्ञान  की   रोशनी  गर  मिले तो,
                 सिद्धार्थ को भी  बुद्ध बनाती है। 

कर  रौशन  आत्मा  को, मिटाकर  निज  अभिमान।
दीये की रोशनी भी कर दे, सारे घर को प्रकाशमान।।
 #yqdidi #yqbaba 
Anil Prasad Sinha 
#रोशनी
#anil_madhukar
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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

🌹कहाँ चले गए बाबूजी🌹

जग  जहान  सब  सूना  लागे,  कहाँ  चले  गए बाबूजी,
अपना  भी  अब  बेगाना  लागे, कहाँ चले  गए बाबूजी।

हिय मेरे  मिलन  को तरसे, एक बार  आ जाते बाबूजी,
हर पल मेरे  नैना बरसे, काश आप चुप कराते बाबूजी।
आप की तरह  फ़र्ज़ निभाने, चले थे हम  अपना बनाने,
अपना  भी  अब  बेगाना  लागे, कहाँ चले  गए बाबूजी।

हंँसी हँसी और  खेल खेल में, पढ़ना सिखलाए  बाबूजी,
जब गिरे तब  ऊँगली पकड़, चलना सिखलाए  बाबूजी।
जब रहें ना  किसी  काम के, रिश्ते भी  हो गए  नाम के,
जान  पहचान के  लोग भी अब, अंजाना  लागे बाबूजी।

सुन  सुनकर  अपनों के ताने, जी उब  गया है  बाबूजी,
स्वार्थ  भरी  दरिया  में अब, सब  डूब  गया है  बाबूजी।
जब तन्हा ख़ुद को पाया, आपके आदर्शों को अपनाया,
जीवन का  अनमोल  उपहार, संस्कार दे  गए  बाबूजी।

जग  जहान  सब  सूना  लागे,  कहाँ  चले  गए बाबूजी,
अपना  भी  अब  बेगाना  लागे, कहाँ चले  गए बाबूजी।
🙏🌹 मधुकर 🌹🙏 #yqdidi #yqbaba 
#anil_madhukar 
Anil Prasad Sinha 
कहाँ_चले_गए_बाबूजी

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