गांव में language भले ही थोड़ी रफ रखते है, लेकिन दिल एक दम साफ़ रखते है। वो बदले बदले लोग ,बदली सी उनकी भाषा है पर बदले ना उनके दिल कभी ,सूरत भोली सी रखते है। बढ़े ना बोले बोल कभी पर, -*(रुतबे की बात) बस रिश्तों को समझने की समझ रखते है। हिसाब किताब रखते नहीं,आंदाज निराला रखते है। दिल की बात करे कभी तो,खुली किताब सी रखते है। ©Rohit Kahar #गांव_की_मिट्टी #गांव_की_बाते #lost Meghna kapoor