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यादों को समेटे हुए कट रही ज़िंदगी तुमरे बिन फिकी प

यादों को समेटे हुए कट रही ज़िंदगी
तुमरे बिन फिकी पड़ गई ज़िंदगी ।

तुम्हारे एहसास से ज़िंदा है ये जिंदगी
तुमपे फिदा है ये ज़िंदगी तुम ही हो मेरी बंदगी ।

यादों को समेटे हुए कट रही ज़िंदगी
तुमरे बिन फिकी पड़ गई ज़िंदगी ।

©Jonee Saini
  #Remember #remembertowrite  rasmi ram singh yadav अब्र The Imperfect pooja mourya Aradhya.555