दर्द और दवा वो दर्द भी तेरा दिया था और दवा भी तू ही दे गई, हम तो खिलौना भर थे तेरी मौसिकी के, जब तक चाहा जी भर खेला मन भरते ही फिर तोड़ दिया।। #अंकित सारस्वत# #दर्द और दवा