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लगे जो मन पे तो खेद नहीं हो वैसा रंग लगे मेरे मोहन

लगे जो मन पे तो खेद नहीं हो
वैसा रंग लगे मेरे मोहन
जैसा लगा है मीरा को जग में
जैसा चेतक के था हर पग में
जैसा राम का भूमि में है
जैसा शंकर का धूमी में है
हो इतना चटक की सूरज जैसे
हो इतना सहज की मूरत जैसे
हो इतना अच्छा की राम लिखा हो
हो इतना सच्चा की धाम लिखा हो
हो इतना गूढ़ की शाम हो जैसे
हो इतना सरल की आम हो जैसे
जिसमें द्वंद नहीं हो कोई
जिसमें रंज नहीं हो कोई
वैसा रंग लगा दो मोहन
अपने रँग में मिला दो मोहन

©Ashok Kumar Singh
  happy Holi friends all

happy Holi friends all #शायरी

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