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न धूप, न बारीश, न ठंडी हवा, न ही बुरी नज़र, मां

न धूप, न बारीश, न ठंडी हवा, न ही बुरी नज़र,


मां के आंचल से होकर गुजर जाए,
इनकी इतनी औकात नहीं...

©Madhur Nayan Mishra
  #मां #आंचल