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रोते रोते मुस्कुराने का हुनर, सीख जायेंगे। चलना का

रोते रोते मुस्कुराने का हुनर, सीख जायेंगे।
चलना कांटों पर है मुकद्दर अगर, सीख जायेंगे।
तेरी मर्जी है रब मेरे गर चाहता है नम, ये आंखें,
मानकर तेरी नेमत इसे करना सबर,सीख जायेंगे।

©deepesh singh
  #roterotemuskuranekahunar 
#poetry