2122 2122 212 फूल था दिल का खिला पहली दफा जब हुआ था सामना पहली दफा छाई रहती थी यूँ दिल में बैचेनी वो सुकूँ दिल का लगा पहली दफा कर गई घायल अदा उनकी मुझे तीर नज़रों का चला पहली दफा नज़रे नज़रो से मिली थी उनके जब उनमे खुदा था दिखा पहली दफा झील सी आँखों में तूफाँ था छुपा उन निगाहों में डुबा पहली दफा इस कदर सुरूर था मुझपे चढ़ा छा गया था वो नशा पहली दफा कितने अरमां दिल के बाकी है अभी जग उठा है हौसला पहली दफा अँधेरे छाये थे जीवन में मेरे दीप ख़ुशी का जला पहली दफा ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 18/1/2017 ©laxman dawani #flowers #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge