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laxmandawani7800
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laxman dawani

26 दिसम्बर 1968

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laxman dawani

White 2122    1212    22
आज जो हमसे ये शिकायत है
वो  अहम्  की  तेरे  अदावत है

इस कदर तुम समा गये दिल में
ज़िन्दगी  आपकी   अमानत  है

कर न रुस्वा तु इश्क को अपने
इश्क  तो  रब की ही इबादत है

कैद  कर जुल्फ में मुझे अपनी
ज़िन्दगी की  मेरी  हिफाजत है

कैसे  कर  दूँ  बयाँ  जुबाँ  से में
फिर कहोगे ये तो खिलाफत है

मत समझ तू कसूरवा खुद को
तेरे  यादो से  दिल  सलामत है
     ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
3/1/2017

©laxman dawani
  #Thinking #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 1212    1122    1212    22
अगर  यहाँ  तु  मेरा  हम नवां  नहीं  होता
लबो पे  फिर मेरे  ये कहकशाँ  नहीं होता

छुपा लेता  में गमो को  यूँ अपने  सीने में
सभी के  सामने तो  गम अयाँ  नहीं होता

जिधर देखूँ में तू आता वही नज़र हमको
तु  ही  बता  तेरा  साया  कहाँ  नहीं होता

न कहते मुझे  ये काफिर  तेरी इबादत में
अगर  कहा तुझे  अपना जहाँ  नहीं होता

न आये होते  अगर मेरी  ज़िन्दगी में तुम
कहीं  ज़माने  में  मेरा  निशाँ  नहीं  होता
          ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
3/1/2017

©laxman dawani
  #love_shayari #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 2122    1122    1122    22
नज़रे झुका कर उन्हें हमने लजाते देखा
राज की  बात उन्हें  दिल में दबाते देखा

बैठे थे दिल में छुपाये  कई अरमां अपने
आज जुबाँ  से उन्हें  अपने  सुनाते देखा

बुझ चुके  थे जो चिरागे वफ़ा उल्फत के
आज उनको  फिर से  मैंने जलाते देखा

इतनेआतुर थे वो पहलू में बिठाने अपने
लाज ओ शर्म के  सब परदे गिराते देखा

जल रही थी यूँ  निगाहों में चिरागे शम्मा
अपने  हाथों से  शमा  उन्हें बुझाते देखा

यूँ  सकुचाये  वो आके मेरे  बाहों में अब
शर्म से  नजरें उन्हें  फिर से  चुराते देखा
         ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
2/1/2017

©laxman dawani
  #Sad_Status #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 1222    1222    1222
नज़र से  हुस्न को  तकना  नहीं अच्छा
रसन यूँ  हुस्न का  चखना  नहीं अच्छा

न कर शक ओ  शुबा हमपे मुहब्बत में
मुहब्बत  में  अना  रखना  नहीं अच्छा

जरा  भी है  अगर हम पे  यकीं तुमको
शिकायत  गैर  से  करना  नहीं  अच्छा

जफ़ा के  बदले वफ़ा  हमने  निभाई है
हमें   यूँ  बे  वफ़ा  कहना  नहीं  अच्छा

करोगे     याद     तन्हाई     में   हमको
दूरी   महबूब  से   रखना  नहीं  अच्छा

तलब  दीदार की  ले आई  महफ़िल में
के रुख को परदे में ढकना नहीं अच्छा
         ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
30/12/2016
रसन - स्वाद

©laxman dawani
  #love_shayari  #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 221    2121    1221    212
रस्मे   सभी  यहाँ   पे  निभाती  है ज़िन्दगी
इक दिन कज़ा से हार ही जाती है ज़िन्दगी

जब  दर्द  दिल  में  आग  बढ़ाने  लगे यहाँ
फैला  के  बाहें  अपनी  बुलाती है ज़िन्दगी

वादों  पे  वादे  करते   रहे  उम्र  भर  सभी
इक  रोज  मौत  से ही मिलाती है ज़िन्दगी

हर मुश्किलो  में हाथ पकड़ अपने हाथ में
काँटों से बचके चलना सिखाती है ज़िन्दगी

घिर जाये दौरे मुफलिसी में जब कभीयहाँ
दे  कर   सहारे  अपने उठाती  है  ज़िन्दगी

हर शे पे हक़नहीं हर किसी का यहाँ कभी
किस्से  बहुत  जहाँ के  सुनाती है ज़िन्दगी
        ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
30/12/2016

©laxman dawani
  #good_night #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 2122    1122    1122    22
गर  खता  है  मेरी  तो  कोई  सजा  दे मुझको
दिल्लगी  कर  के  खुदारा  न  दगा  दे मुझको

एक   मुद्दत   से   खयालो   में   हूँ  खोया  तेरे
अपने आगोश  में  ले कर  के सुला  दे मुझको

छूटे  ना  हाथ कभी  अपने  जन्मों जन्मों तक
हाथ  दुआ  में  उठा  कर  ये  दुआ  दे मुझको

उम्र  भर   साथ  निभायेंगे   कठिन  राहो  पर
इन वफाओ का मेरे  कुछ तो सिला दे मुझको

प्यासे  है  हम  तेरे  दीदार  के  इक  अरसे  से
जाम नज़रो के अब तो अपने पिला दे मुझको

दर्द   है  देते   बहुत   जख्म  ये  दिल  के  मेरे
इनपे  आ कर  दवा  कोई  तो लगा दे मुझको
           ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
29/12/2016

©laxman dawani
  #GoodMorning #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

212  212  212  212
लोग   आते   रहे , लोग   जाते   रहे
जख्म खा कर भी  हम मुस्कराते रहे

दो  घड़ी  साथ  तो  कोई  बैठा नहीं
बस  सलीके  हमें  सब  सिखाते रहे

रह  गई  बोझ बन कर  मेरी  ज़िंदगी
दर्द  अपना   जिगर  में   छुपाते  रहे

देख  पाये न वो  जख्म  दिल के मेरे
चोट  पर  चोट  दिल  पे  लगाते  रहे

ढाल कर  दर्द गीतों  में  उनके लिए
गैर   की   बज्म  में   गुन गुनाते  रहे

दर्द दिल का मेरे पढ़ सके न जो वो
लेख किस्मत का हम को पढ़ाते रहे
        ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
14/11/2017

©laxman dawani
  #lakeview #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 2122    2122    2122
प्यार दिल में आज भी ठहरा हुआ है
दर्द  दिल का  और भी गहरा हुआ है

देख लो  सारे जहाँ को  तुम यहाँ पर
अपने मतलब में ये भी बहरा हुआ है

लग गया है झूठ का सच पर पतीला
हर तरफ ही  झूठ  का पहरा हुआ है

मांगते है मुझसे फिर दिल खेलने को
कैसे  कहूँ गम में  तेरे बिखरा हुआ है

अक्स जो है तुम्हे दिखता दिल पे मेरे
तेरे  यादो  का   यही  सहरा  हुआ है

लग गया दिल  गैर  से शायद तुमारा
इस लिये चहरा  तेरा निखरा हुआ है
       ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
28/12/2016

©laxman dawani
  #sad_quotes #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 221    1221    1221    122
महका रही  हर सांस को उस रात की खुश्बू
हम भूले नहीं अब भी उस सौगात की खुश्बू

जब चल पड़ी हर सूँ हवा- ऐ -शौक यहाँ भी
महका  गई  वो  पहली  मुलाकात की खुश्बू

ये  बादे - सबा  कह  रही दास्ताने मिलन की
इस हुस्न ओ उस इश्क के जज्बात की खुश्बू

मुझसे  जुदा  हो मुझमे  बसी है  इस कदर तू
जां ओ जिस्म से आती है तेरे जात की खुश्बू

यादो  से तेरी चलती है धड़कन मेरी अब भी
साँसों  में  बसी  है  तेरे  हर  बात  की  खुश्बू

दिल  बन के  धड़कते  है  यूँ  सीने में  मेरे ये
जो  साथ तेरे  गुजरे  उन  लम्हात  की खुश्बू
           ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
28/12/2016
हवा-ऐ-शौक - प्रेम की हवा
बादे सबा - सुबह की शीतल हवा

©laxman dawani
  #love_shayari #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 2122    2122    212
इश्क   के  अंजाम   से  अंजान है
दिल ये मेरा भी कितना  नादान है

है  बिखेरी  रौनके  मौसम  ने  भी
दिल  मेरा  फिर आज  बेईमान है

दिल दियाओ दर्द भी हमने लिया
इश्क  का   मेरे   यही  अंजाम  है

सर झुका है सजदे में उनके सदा
वो  मुहब्बत  का  मेरे  भगवान है

कैसे कह  दूँ  बे वफा उनको यहाँ
आज भी दिल का मेरे सुल्तान है

करके तो देख ले मुहब्बत तू यहाँ
इश्क  खुदा   इश्क  ही  ईमान  है

कर दे कुछ इलाज मेरी प्यास का
ये  पपीहा   बिन   तेरे  बेजान  है
      ( लक्ष्मण दावानी ✍ )
28/12/2016

©laxman dawani
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