Nojoto: Largest Storytelling Platform

पल्लव की डायरी रुठने मनाने का दौर अब अलविदा हो गय

पल्लव की डायरी
रुठने मनाने का दौर 
अब अलविदा हो गया है
अहम सब का बड़ा हो गया है
एक बाकया,जहर जीवन मे भर देता है
जिद पर अड़ कर,तबाह जीवन कर देता है
परखने और सहने की गुंजाइश किसे है अब
रहम और दया अब प्यार में कहाँ पैदा होता है
पागलन की हद अब कहाँ है निभाने की
जरूरते और सुविधा देख कर 
प्यार का अफसाना शुरू होता है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #tereliye जरूरते और सुविधा देखकर अफसाना प्यार का शुरू होता है
#nojotohindi

#tereliye जरूरते और सुविधा देखकर अफसाना प्यार का शुरू होता है #nojotohindi #कविता

234 Views