जब दर्द-ए-मोहब्बत हद से गुजर जाता है, तो ज़ख़्म-ए-दिल कागज़ पर उतर जाता है! रश्म-ए-वफ़ा भी क्या ख़ूब अदा होती है... बना के मुज़रिम यहाँ कातिल ही सुधर जाता है!! ―Annu #कातिल#मोहब्बत#दर्द#शायरी#nojoto#nojotohindi#love#pain#bestpoetry#quote