पितृ पक्ष में अतीत से निवृत होते हैं।मन की आसक्ति और कटु अनुभवों,जिनको जोर से पकड़ रखा था,उन्हें सहजता और आभार के साथ जाने देते हैं। पुनःमातृ पक्ष में नये को स्वीकार करते हैं । नवरात्री,अपनी ही अष्टशक्तियों का जागरण, स्मरण एवम् आह्वान है, जिनके बल पर हम अपने मन के विकारों का शमन करते हैं । माँ दुर्गा, संपन्न, सक्षम, सर्वशक्तिमान होने का प्रतीक हैं,जिसने अपने सभी ईन्द्रियों,और विकारों पर विजय प्राप्त की है। अतएव जाग्रत, उत्तिष्ठ, विजयी भव। अंतःशक्तियों का आह्वान