मैं आज खुद को कही खोना चाहता हु भटक गया हूँ राह,उन्ही राहो में सोना चाहता हु 4रो तरफ फैली ह आग इश्क की मैं इश्क का एक मुसाफ़िर होना चाहता हूँ कोई ढूंढ़ न सके मुजे,ऐसी जंगल की आग में खोना चाहता हु। समझ मुजे कुछ नही आ रहा ह,शायद मैं एक कहानी बनना चाहता हु जो कभी पूरा न हो, ऐसे इश्क की जुबानी बनना चाहता हु नही हु म कोई शायर पर किसी ने मुजे शायर कहा म उस शायरी का शायर बनना चाहता हूं। कहि खोना चाहता हूं। #poems #poetry #nojoto #shayri #ritu #alfaz #poetryhouse #music #story